Dengue Fever(डेंगू बुखार) : कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज

दोस्तों, बुखार में सबसे खतरनाक बुखार में से एक Dengue Fever (डेंगू बुखार) होता है। बरसात के मौसम में या बरसात के बाद बहुत जगह पानी एकत्र हो जाता है, चारों ओर कहीं ना कहीं पानी एकत्र हो जाता है और इसी रुके हुवे पानी में डेंगू बुखार फैलाने वाला मच्छर का जन्म होता है। और फिर वही मच्छर हम सभी को काट कर Dengue से संक्रमित करता है, और हमें बीमार बनाता है।

आज इस लेख में जानेंगे कि Dengue(डेंगू) के बारे में। इसके कारण, लक्षण, बचाव और डेंगू का आयुर्वेदिक तरीके से उपचार के बारे में जानकारी साझा करूंगा जिससे आप अपने आप को और अपनी Family को स्वस्थ और सुरक्षित रख सको। 

Dengue Fever (डेंगू बुखार) क्या है? 

Dengue Fever (डेंगू बुखार) एक वायरल बुखार है जो Aedes aegypti नामक मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर आमतौर पर दिन में ज्यादा सक्रिय रहता है खासकर सुबह और शाम को ज्यादा काटते हैं और ये मच्छर साफ जमा पानी में पनपता है। इस बुखार को “हड्डी तोड़ बुखार( Breakbone fever)” भी कहा जाता है क्योंकि इसमें बहुत तेज दर्द होता है। इस बुखार में शरीर की Platelets (प्लेटलेट्स) बहुत तेजी से गिरती है, इनका recover करना बहुत ही आवश्यक होता है।

आयुर्वेद के अनुसार, Dengue(डेंगू ) शरीर में पित्त(Pitta) और रक्त धातु (Rakta dhatu) का imbalance पैदा करता है, जिससे तेज बुखार, शरीर में दर्द और रक्त संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

महत्वपूर्ण बात (Important Point)

 • Dengue Fever (डेंगू बुखार) एक viral infection है।

 • आमतौर पर यह बुखार गर्मी के मौसम और बरसात के मौसम में ज्यादा फैलता है, और जब मौसम परिवर्तन होता है बरसात के बाद तब इसका प्रकोप बहुत ज्यादा होता है इसीलिए सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

 • यह बुखार बच्चों और बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

Aedes aegypti mosquito carrying Dengue virus
एडीज मच्छर

डेंगू बुखार के कारण (Causes of Dengue Fever)

Dengue Fever (डेंगू बुखार) का मुख्य कारण Dengue virus है। डेंगू मुख्य रूप से एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर और कुछ हद तक एडीस एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) मच्छर के काटने से फैलता है। ये मच्छर दिन के समय काटते हैं, खासकर सुबह और शाम के समय में।

 • संक्रमित मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वायरस शरीर में प्रवेश करता है।

 • बरसात में जमा पानी, टायरों में, गमलों में, घर के कूलर में, फ्रिज में भी बहुत दिनों से पानी जमा रहता है इसे भी समय समय पर साफ करते रहना चाहिए क्योंकि गंदगी मच्छरों के लिए breeding ground है।

डेंगू बुखार के लक्षण (Symptoms of Dengue Fever)

Dengue Fever(डेंगू बुखार) के लक्षण को पहचान कर इसका जल्द से जल्द उपचार करना चाहिए क्योंकि आपकी थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। इस बुखार के कुछ प्रमुख और गंभीर लक्षण बताए गए है, जिन्हें पहचान कर आप पता लगा सकते हैं कि डेंगू बुखार है।

 • तेज बुखार: आमतौर पर डेंगू बुखार में 104°F (40°C) तक पहुंच जाता है।

 • तेज सिरदर्द: अक्सर आँखों के पीछे तेज दर्द के साथ के साथ सिरदर्द भी बहुत तेज होता है।

 • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: इसे “हड्डी तोड़ बुखार” (Breakbone Fever) भी कहा जाता है क्योंकि इसमें बहुत तेज दर्द होता है।

 • थकान: Dengue Fever में बहुत अधिक कमजोरी महसूस होने लगती है।

 • त्वचा पर लाल चकत्ते (Rash): बुखार शुरू होने के 2 से 5 दिन बाद शरीर पर लाल चकत्ते दिखाई दे सकते हैं।

 • मतली और उल्टी: इस बुखार में पेट खराब होना, जी मिचलाना, उल्टी होना भी एक लक्षण है।

 • ग्रंथियों में सूजन: शरीर के लिम्फ नोड्स (Lymph Nodes) में सूजन होने लगती है।

गंभीर डेंगू बुखार (Dengue Hemorrhagic Fever) के लक्षण

 • Blood की प्लेटलेट्स बहुत तेजी से गिरना। 

 • पेट में तेज दर्द होना। 

 • लगातार उल्टी होना।

 • मसूड़ों या नाक से खून आना।

 • त्वचा के नीचे रक्तस्राव (नीले या बैंगनी धब्बे) होना।

 • साँस लेने में तकलीफ होना।

 • थकान और बेचैनी, घबराहट होना।

 • यकृत (liver) का बढ़ना।

 • मल में खून आना।

Person/women showing Dengue symptoms like fever and rash
डेंगू मरीज

Dengue का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment of Dengue)

Ayurveda में Dengue Fever के इलाज में immunity बढ़ाना, शरीर की गर्मी को कम करना, Blood की प्लेटलेट्स(Platelets) की संख्या को तेजी से बढ़ाना और रक्त शुद्ध करना मुख्य focus होता है। डेंगू बुखार बहुत ही खतरनाक और जानलेवा बुखार होता अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं हुआ। आइए जानते हैं कुछ आयुर्वेदिक तरीके से इसका उपचार जिससे जल्द से जल्द राहत मिलती है।

1. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ (Herbal Remedies)

1.) गिलोय(Giloy)

 • कितना भी पुराना  बुखार हो कैसा भी बुखार यदि गिलोय का सेवन किया जाए नियमित रूप से तो बुखार से छुटकारा मिल जाता है।

 • गिलोय शरीर की Immunity बढ़ाता है, जिससे बुखार कम होता है और रोग से लड़ने की ताकत बढ़ती है।

2.) पपीते की पत्ती का रस (Papaya Leaf Juice)

 • Dengue Fever में Platelets (प्लेटलेट्स) को बहुत तेजी से बढ़ाने में पपीते की पत्ती का रस बहुत ही कारगर है ये चमत्कारिक रूप से प्लेटलेट्स को बढ़ाता है।

 • यदि पपीते की पत्ती के रस के साथ गाय का दूध मिलाकर सेवन किया जाए तो उसका परिणाम दोगुना हो जाता है।

3.) तुलसी (Tulsi)

 • बुखार में तुलसी की पत्ती का उपयोग वायरल संक्रमण से लड़ने में किया जाता है, तुलसी में रोगों से लड़ने में बहुत फायदा करता है। 

4.) नीम (Neem)

 • नीम के बारे में तो हम सब जानते है लेकिन इसका लाभ सभी लोग नहीं उठा पाते हैं। नीम का use रक्त शुद्धिकरण में किया जाता है, शरीर में Immunity को बढ़ाता है जिससे सभी रोगों से लड़ने में मदद करता है। 

2. आहार (Diet)

 • रोगी के लिए हल्का और easily digestible food होना चाहिए। जैसे: खिचड़ी(Khichdi), मूंग दाल का सूप (Moong dal soup), फल और सब्जियाँ।

 • बुखार में अत्यधिक तैलीय, मसालेदार और heavy food से बचें।

3. पानी और हाइड्रेशन (Hydration)

 • आयुर्वेद(Ayurveda) में नारियल पानी (Coconut water), जलजीरा (Jeera water), Tulsi water पीने की सलाह दी जाती है।

4. Panchakarma और घरेलू उपाय

 • हल्का Abhyanga तेल से शरीर पर मालिश(oil massage) करें, ताकि वात (Vata) नियंत्रित हो।

 • हल्के steam inhalation से शरीर की गर्मी कम होती है।

Ayurvedic herbs giloy neem tulsi papaya leaves used in Dengue treatment
डेंगू बुखार के आयुर्वेदिक औषधियां

Dengue से बचाव – Ayurvedic तरीके (Prevention of Dengue)

डेंगू से बचाव ही सबसे अच्छा तरीका है। Ayurveda में Dengue prevention मुख्य रूप से immunity बढ़ाने, शरीर में पित्त नियंत्रित करने, और मच्छरों से बचाव पर ध्यान देता है।

ध्यान देने वाली प्रमुख बाते:

 • घर और आसपास stagnant water न रखें।

 • मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करें, अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें (जैसे पुराने टायर, गमले, कूलर में)।

 • मच्छरदानी का प्रयोग करें।

 • बाहर जाते समय पूरी बाहों (sleeves) की कमीज और long pants पहनें।

 • खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं।

 • Giloy, Tulsi, Amla का नियमित सेवन करते रहे।

 • दिनचर्या के अनुसार सुबह व शाम को योग और प्राणायाम जरूर करें।

 • नीम तेल(Neem oil), Lemon grass oil का spray घर में करें।

 • मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का उपयोग करें।

Dengue के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1: क्या Dengue Ayurvedic इलाज से ठीक हो सकता है?

👉  हां, शुरुआती और मध्यम Dengue cases में Ayurvedic herbs और proper diet से शरीर जल्दी recover करता है।

Q2: Dengue में platelet कैसे बढ़ाएँ?

👉 Papaya leaf juice और Giloy का सेवन platelet बढ़ाने में मदद करता है।

Q3: Dengue से बचने का सबसे आसान तरीका क्या है?

👉 घर के अंदर और बाहर सफाई रखें, पानी जमा न होने दें, Tulsi और Neem का इस्तेमाल करें, हल्का और easily digestible food लें। और immunity boosting Ayurvedic herbs का सेवन करें।

दोस्तों डेंगू बुखार एक बहुत ही खतरनाक बुखार है इसीलिए इससे बचाव ही ज्यादा उचित है इलाज से। इस लेख में मैने आपको Dengue Fever से जुड़ी जानकारी साझा की और आयुर्वेदिक तरीके से उसका उपचार भी बताया। अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे आगे भी बढ़ाए जिससे सभी लोग इस बीमारी से बच सके।

                                जय हिंद – जय भारत 

                            स्वस्थ भारत – मस्त भारत 

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