त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder) – आयुर्वेद का चमत्कारी उपहार

दोस्तों आप सभी त्रिफला चूर्ण (Triphala powder) के बारे में जानते हैं यदि नहीं तो आज मैं आपको इस  लेख में बताऊंगा आखिर त्रिफला चूर्ण को आयुर्वेद में सबसे ज्यादा महत्व क्यों दिया जाता है। आज मैं इसके गुणों के बारे में, इसके सेवन विधि, बनाने की विधि और इसके फायदे के बारे में पूरी जानकारी बताऊंगा। जिससे आप भी इस चमत्कारी Powder के बारे में जान सको और इसके गुणों का लाभ आप भी उठाओ।

भारतीय परंपरा में Triphala का नाम लेते ही मन में आयुर्वेद की झलक आ जाती है। यह केवल एक औषधि नहीं बल्कि एक ऐसी चूर्णीय योग है, जो हजारों वर्षों से स्वास्थ्य का रक्षक माना जाता है। आयुर्वेद कहता है – “त्रिफला रसायनम्“, यानी “यह अमृत के समान दीर्घायु और रोगनाशक” है।

आयुर्वेद में Triphala को “माँ की तरह देखभाल करने वाली औषधि” कहा गया है, क्योंकि यह हर स्थिति में शरीर को सहारा देती है।

A bowl of Triphala powder is centered on a wooden table, surrounded by dried Amla, Haritaki, and Bibhitaki fruits in their whole and split forms.
त्रिफला चूर्ण

आखिर क्यों त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder) को चमत्कारी उपहार कहते है? 

भारत की आयुर्वेद परंपरा में Triphala Powder को एक “चमत्कारी औषधि” माना गया है। यह तीन फलों – आंवला (Amla), हरड़ (Haritaki) और बहेड़ा (Bibhitaki) – का संयोजन है। सदियों से लोग इसे पाचन शक्ति, रोग प्रतिरोधक क्षमता और शरीर को डिटॉक्स करने के लिए इस्तेमाल करते आ रहे हैं।

त्रिफला का उपयोग हजारों सालों से आयुर्वेद में हो रहा है। प्राचीन ग्रंथों में इसे “सर्व रोग निवारक औषधि” कहा गया है।

चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में त्रिफला का उल्लेख हुआ है।

 • इसे प्राचीन भारतीय चिकित्सक रोग निवारण, पाचन सुधार और शरीर की सफाई के लिए उपयोग करते थे।

 • त्रिफला को “रसायन” यानी शरीर और मन को स्वस्थ रखने वाली औषधि माना गया।

 • यह न केवल रोगों को दूर करता है, बल्कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने और दीर्घायु देने में भी सहायक है।

आयुर्वेद में कहा गया है – “रोगों का मूल कारण है पेट का असंतुलन।”

अगर आपका digestion ठीक नहीं है, तो शरीर में छोटी-बड़ी कई बीमारियां जन्म ले सकती हैं। इसी कारण Triphala (त्रिफला) को आयुर्वेद में “Mother of all medicines” कहा गया है।

Triphala न सिर्फ digestion सही करता है बल्कि यह immunity booster, detoxifier और natural healer भी है।

तीनों फलों की विशेषताएं 

1. आंवला (Amla)

 • आंवला में Vitamin C भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

 • आंवला, immunity booster के रूप में भी जाना जाता है।

 • ये skin और hair के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है।

2. हरड़ (Haritaki)

 • हरड़ पेट के digestion को strong करता है।

 • हरड़ पेट की कब्ज से राहत देता है।

 • हरड़ शरीर के सभी विषैले तत्वों (toxins) को बाहर निकालता है।

3. बहेड़ा (Bibhitaki)

 • बहेड़ा शरीर के कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) को संतुलित (balance) करता है।

 • बहेड़ा, आंखों की रोशनी के लिए अच्छा होता है।

 • बहेड़ा शरीर के श्वसन तंत्र को support करता है।

A woman is gently drinking a glass of Triphala water at a wooden table in a sunlit garden. Beside her, a bowl of Triphala powder, whole Triphala fruits, and a small clay pot are visible
त्रिफला के फायदे

त्रिफला चूर्ण के प्रमुख फायदे (Benefits of Triphala Powder)

1.) पाचन और कब्ज से राहत

 • Triphala natural laxative (आंतों की सफाई) है।

 • यह आंतों की सफाई करता है और digestion को smooth बनाता है।

 • त्रिफला कब्ज, acidity और bloating में लाभकारी होता है।

2.) प्राकृतिक (Natural) Detoxifier

 • Triphala Powder, liver और kidney को साफ रखता है।

 • यह शरीर से toxins और impurities निकालता है।

3.) Immunity Booster के रूप में 

 • त्रिफला में मौजूद आंवला (Amla) के Vitamin C से immunity मजबूत होती है।

 • त्रिफला Infections और seasonal flu से बचाव करता है।

4.) Weight Loss में सहायक

 • त्रिफला शरीर का Metabolism को boost करता है।

 • ये पाउडर हमारे शरीर के Fat को breakdown में मदद करता है।

 • त्रिफला चूर्ण का Regular सेवन से belly fat भी कम होता है।

5.) Skin Glow और Anti-aging में कारगर 

 • त्रिफला हमारी body के Free radicals को neutralize करता है।

 • त्रिफला से Pimples, acne और dullness को भी कम करता है।

 • त्रिफला Skin को natural glow देता है।

6.) बालों(Hair) के लिए 

 • Triphala hair roots को strong बनाता है।

 • त्रिफला Hair fall को कम करता है और dandruff हटाता है।

7.) Diabetes को Control करने में 

 • Triphala blood sugar यानी Diabetes को नियंत्रित (regulate) करता है।

 • त्रिफला पाउडर शरीर की Insulin sensitivity को improve करता है।

8.) आंखों की रोशनी को बेहतर बनाता है

 • Triphala का उपयोग आँखों की धुलाई (Triphala eye wash) में होता है।

 • त्रिफला आंखों की Dryness और redness को भी  कम करता है, साथ में infection से भी बचाव करता है।

9.) Heart के लिए 

 • त्रिफला शरीर के bad Cholesterol को कम करता है।

 • त्रिफला चूर्ण Blood Pressure (BP) को control करने में सहायक है।

10.) मानसिक तनाव में राहत (Stress Relief)

 • त्रिफला पाउडर शरीर के Nervous system को relax करता है।

 • त्रिफला पाउडर नींद में सुधार करता है।

11.) Oral Health के लिए भी कारगर 

 • त्रिफला (Triphala) mouthwash मसूड़ों को मजबूत करता है।

 • त्रिफला चूर्ण सांसों की Bad breath और दांतों की cavity रोकता है।

12.) Joint Pain में लाभकारी

 • त्रिफला में Anti-inflammatory गुण पाया जाता है, जो arthritis और joint stiffness को कम करते हैं।

Triphala Powder कैसे लें? (Usage & Dosage)

1. सुबह खाली पेट

 • सुबह 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच Triphala Powder मिलाकर पीने से यह शरीर को detox करता शरीर की गंदगी को बाहर करता है।

2. रात को सोने से पहले

 • Triphala Powder (त्रिफला चूर्ण) को रात में गुनगुने दूध या पानी के साथ सेवन करने से  कब्ज और indigestion में लाभ देता है।

3. Beauty Purpose के लिए 

 • Triphala Powder को गुलाब जल के साथ मिलाकर face pack की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे चेहरे पर Natural Glow आता है। 

Triphala Powder बनाने की विधि (Homemade Recipe)

grinding Triphala powder using a mortar and pestle, with dried Amla, Haritaki, and Bibhitaki fruits scattered on a wooden table
त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि

आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में Triphala (त्रिफला) का विशेष स्थान है। चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अन्य आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। इन तीनों का सही अनुपात और विधि से मिश्रण ही असली Triphala कहलाता है।

आचार्य वागभट्ट के अनुसार सबसे लाभकारी त्रिफला बनाने का अनुपात है – 1:2:3 यानी हरड़,बहेड़ा और आंवला का अनुपात 1:2:3 होना चाहिए। बहुत जगह सभी को बराबर मात्रा में बनाने के लिए बताया गया है लेकिन आचार्य वागभट्ट के अनुसार सबसे प्रभावी और कारगर अनुपात 1:2:3 को हो बताया है।

 हरड़ – 1 भाग 

 बहेड़ा – 2 भाग

 आंवला – 3 भाग 

यदि हम त्रिफला चूर्ण बनाएंगे तो हरड़ 100ग्राम, बहेड़ा 200ग्राम और आंवला 300ग्राम मात्रा में लेकर पीस कर चूर्ण बना लेंगे। इस मात्रा में बनाया गया Triphala Powder सबसे ज्यादा प्रभावशाली होता है। कहीं कहीं पर समान मात्रा के अनुपात में भी बताया गया है लेकिन समान मात्रा उतना कारगर नहीं है। 

Triphala Powder के Side Effects और सावधानियाँ 

 • ज्यादा मात्रा लेने से loose motion हो सकते हैं।

 • गर्भवती महिलाएँ बिना doctor सलाह के न लें।

 • Daily dose 1-2 चम्मच ही रखें।

निष्कर्ष (Conclusion)

Triphala Powder सिर्फ एक दवा नहीं बल्कि lifestyle supplement है। यह शरीर, मन और आत्मा तीनों को संतुलन में रखता है। अगर आप natural तरीके से अपनी health improve करना चाहते हैं, तो इसे daily routine में शामिल करना एक बेहतर विकल्प है। 

दोस्तों मेरे द्वारा दी गई जानकारी अगर आपको पसंद आई हो तो इसे आगे भी शेयर करे और सबको इसका लाभ मिले। आप भी अपनी Daily Routine में इसे शामिल करे और इस आयुर्वेद के चमत्कारिक वरदान का लाभ उठाइए।

                                                       “जय हिंद – जय भारत”

                                                    “स्वस्थ भारत – मस्त भारत” 

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